Xxx चाची की चूत चुदाई का मजा लिया! मैंने शुरुआत कुछ ऐसी हुई कि मैं उस समय अपनी जवान चाची को छेड़ने की कोशिश करता था. मेरी हरकत पर चाची कुछ नहीं कहती थीं.
यह कहानी मेरी और मेरी चाची की चुदाई की कहानी है, मुझे आशा है कि आपको पसंद आएगी.
मैं अपनी चाची के बारे में बता देना चाहता हूँ. उनका नाम रानी है.
उनकी उम्र 32 साल की थी, जब मैंने उन्हें पहली बार चोदा था.
चाची का शरीर पतला था, पर काफी अच्छा था. उनके शरीर को देखकर किसी का भी खड़ा हो जाएगा.
रंग गोरा, गोल चूचे, पतली कमर थी.
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह कैसी दिखती होंगी.
मुझे उम्मीद है लड़कों को अपने लंड पर हाथ रखने की व लड़कियों को अपनी उंगली चूत में डालने की जरूरत पड़ेगी.
शुरुआत कुछ ऐसी हुई कि मैं उस समय अपनी जवान चाची को छेड़ने की कोशिश करता था.
मेरी इस हरकत पर चाची कुछ नहीं कहती थीं.
इससे मेरी हिम्मत दिनों दिन बढ़ती चली गई.
एक दिन रात को हम सभी परिवार वाले एक ही कंबल लेकर बैठे बातें कर रहे थे.
उसी समय मैंने चाची के पैर पर अपना हाथ लगा दिया और उनके कुछ न कहने पर आराम से चाची के पैर को सहलाने लगा.
अब तक ऐसा होता था कि मैं हरकत करता था और चाची चुप रह कर मेरी हरकतों को नजरअंदाज कर देती थीं.
मगर आज कुछ अलग ही हुआ, जिसका मुझे अंदाजा भी नहीं था.
एकाएक मुझे अपनी टांगों पर किसी हाथ के चलने का अहसास हुआ.
मैं हक्का बक्का रह गया.
मैंने चाची की तरफ देखा तो वो बातों का लुत्फ़ ले रही थीं; उनकी नजरें मुझसे मिल ही नहीं रही थीं.
मगर मैं समझ गया था कि चाची ने पैंट के ऊपर से मेरे लंड पर हाथ लगा दिया है.
मेरे यूं देखने से Xxx चाची ने अपनी हरकत को गति दे दी और वो बिंदास मेरे लौड़े को सहलाने लगीं.
अगले ही पल लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी और लंड खड़ा हो गया.
चाची के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी.
मैं समझ गया कि उन्हें लंड पसंद आ गया है.
ये देखकर मैं भी खुश हो गया.
चाची मेरे लंड पर हाथ फेरती जा रही थीं और लंड खड़ा होता जा रहा था.
मैंने अपनी पैंट का हुक खोल दिया और लंड को बाहर निकालने का इशारा करते हुए चाची के हाथ को दबा दिया.
फिर चाची ने मेरे लंड को बाहर निकाल दिया और सहलाने लगीं.
ये अहसास मेरे लिए जन्नत से कम नहीं था.
मैंने चाची के पैरों के जोड़ पर हाथ बढ़ाना शुरू किया.
उनकी चिकनी टांगों को हाथ लगाता हुआ मैं उनकी चूत पर हाथ ले आया.
वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दीं और टांगें खोल दीं.
उसी पल मैंने उनकी चूत पर हाथ लगा दिया.
अब मेरी हिम्मत काफी बढ़ गई थी.
मैंने चाची की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उनकी चूत पर हाथ लगा दिया.
क्या मस्त चूत थी उनकी … चूत पर हाथ फेरते ही मेरा लंड लोहा हो गया था.
क्या अहसास था वो!
फिर मैंने चाची की चूत में उंगली डाल दी और चाची ने आंखें बंद कर लीं.
मैं चूत में उंगली डालकर थोड़ी देर रुका रहा. फिर उंगली को अन्दर बाहर करने लगा.
चाची मेरे हाथ को और अन्दर कर रही थीं.
मैंने पीछे से उनके एक चूतड़ को दबा दिया और दो उंगलियां चूत के अन्दर डाल दीं.
इससे चाची एकदम भकभका गई थीं, दो ही मिनट बाद झड़ गईं.
उन्होंने अपनी सलवार से ही मेरा हाथ साफ किया पर थोड़ा सा चूत का पानी हाथ पर रह गया था.
वो मैंने चाट लिया.
चाची ने मुझे रस चाटते हुए देख लिया और मुस्कुराने लगीं.
उसी पल उन्होंने कम्बल ऊपर तक ओढ़ा और मैंने झट से चाची के चूचों पर हाथ लगा कर उनका एक हॉर्न दबाया और उठ कर चला गया.
मुझे पता है आप लोगों को मुठ मारने में और उंगली करने में बहुत मजा आ रहा है, तो मजा लीजिए और इस चुदाई को प्यार दीजिए.
फिर अगले दिन चाची ने मुझसे कहा- रात क्या हुआ था?
मैं- रात को आपकी गुफा से पानी टपका था.
Xxx चाची- ओ हो … तेरा केला भी तो खड़ा हो गया था.
मैं- जब आपके जैसी सैक्सी माल लंड हिला रही हो तो खड़ा क्यों न हो.
चाची- अच्छा जी … मैं माल हूँ.
मैंने कहा- हां माल तो क्या … आप मालगोदाम हो.
चाची खिलखिला कर हंस दीं.
फिर मैंने चाची की गांड को दबाया और अभी आगे कुछ करता कि चाचा की आवाज आ गई, तो मैं वहां से चला गया.
फिर शाम को चाची मेरे पास आईं और पूछा- कैसी लग रही हूँ?
मैं- यार चाची, आप तो एकदम सेक्सी माल लग रही हो. सच में आपको देखकर मुझे कुछ कुछ हो रहा है.
चाची- अच्छा जी ऐसा क्या है मेरे में?
मैं- चाची, आप हो ही इतनी हॉट माल हो कि आपको देखकर कोई हिलाए बिना नहीं रह सकता है.
चाची- तू भी हिलाता था क्या मुझे देखकर?
मैं- हां चाची, मेरा मन तो कबसे आपकी लेने का था, पर आप कुछ भाव नहीं देती थीं, तो मैं रात को आपकी पैंटी और सलवार लेकर हिला लेता था और अपना माल उसमें डाल देता था.
चाची- अरे वाह, तू तो बड़ा कमीना निकला. तभी मैं सोचती कि मेरी चड्डी में कड़ापन सा क्यों है.
चाची उस दिन बहुत मस्त लग रही थीं.
उन्होंने लाल कुर्ती सफ़ेद लैगी पहनी हुई थी. कुर्ती भी बिल्कुल फिट थी.
उनके दोनों संतरे बाहर निकलने को बेताब थे. चुस्त लैगी में उनकी गांड भी मस्त लग रही थी.
मैंने चाची से कहा- चाची, आपके चूचे बाहर निकलना चाहते हैं और आपकी गांड भी मस्त लग रही है.
चाची- तो आ जा, कर दे आजाद इनको … और अब मुझे चाची मत कह. मैं अब तेरी रानी हूँ.
मैंने चाची को आगे से आकर उनको अपनी बांहों में भर लिया और कहा- चाचा से कुछ हुआ ही नहीं आपका?
चाची- वो कहां कुछ कर पाता है. वो तो सारा दिन लड़ता रहता है और जब अन्दर करता भी है, तो पांच मिनट में झड़ कर सो जाता है. मैं तड़पती रहती हूँ पर अब नहीं तड़पूँगी, अब तो मैं तेरे से ही मजे लूँगी. उसको जाने दे भाड़ में.
मैं- आ जा मेरी रानी, तुझे तो आज मैं बहुत मजा दूँगा.
फिर मैंने चाची को गले लगा लिया और मैं उनके पीछे पीठ पर हाथ फेरने लगा.
मैंने उनके एक गाल पर किस किया और उनके होंठों को चूसने लगा.
चाची भी मेरा साथ देने लगीं.
मुझे ऐसा लग रहा था मानो किसी मिठाई को चूस रहा हूँ.
फिर मैंने चाची के चूतड़ों पर हाथ लगा दिए और गांड को भींच दिया.
वो भी मेरे लौड़े से चूत चिपका कर चुम्मी लेने लगीं.
एक मिनट बाद मैंने उनकी कुर्ती को थोड़ा ऊपर करके उनके पेट को चूसा.
वो गर्म हो गई थी और मादक आवाजें निकालने लगी थीं- ओ … आहहह!
फिर उन्होंने मुझसे कहा- ऐसा मजा मुझे पहले कभी नहीं आया. तू ही मुझे खुशी दे सकता है.
मैं- अभी तो शुरुआत है मेरी रानी, आगे और मजा दूँगा.
फिर मैंने चाची को लिटाया और उनके पैरों से चूसना शुरू किया.
कुछ देर बाद मैंने उनकी कुर्ती को निकाल दिया और देखा कि उन्होंने एक सफेद रंग की सी-कप ब्रा पहनी हुई थी.
चाची का शरीर इतना मुलायम और बेदाग़ था कि जैसे किसी ने अब तक छुआ ही न हो.
मैं चाची के जिस्म पर टूट पड़ा.
उनके दूध चूसने में बहुत मजा आ रहा था. वो भी लगातार गर्म होती जा रही थीं.
मैंने चाची से कहा- चाचा से तुम्हारी गर्मी नहीं निकाली गई है, अभी भी तुम्हारा जिस्म आग उगल रहा है. अब आज मैं तुम्हारी गर्मी निकालूँगा.
रानी चाची- आ जा मेरे राजा निकाल दे मेरी गर्मी … और बना ले मुझे अपनी जोरू!
फिर मैंने चाची के पेट को चूसा, हाथ, बांहों, बगलों को चाटा.
मैंने उनकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से दबाया और आखिर में मैंने चाची की सलवार का नाड़ा अपने मुँह से खोला.
चाची की चूत पर मेरी ठोड़ी लग रही थी तो वो एकदम से बहक रही थीं.
मैंने सलवार निकाल दी, तो सामने उफनता दरिया था.
उन्होंने सफेद रंग की पैंटी डाल रखी थी, जिसमें से उनकी चूत का छेद साफ दिख रहा था.
चड्डी के नीचे धवल जांघें थीं. आह क्या चिकनी जांघें थीं उनकी, देख कर मजा आ गया था.
मैंने चाची के पैरों की उंगलियों को चूसा और ऊपर आते हुए उनकी टांगों को चूसा और चाटा.
फिर मैंने उनकी ब्रा को खोला और उनके गोल चूचे मेरे सामने नंगे हो गए.
सच में क्या सीन था वो.
फिर मैंने अपने होंठ चाची के चूचों पर लगाए, तो चाची ने एकदम से ‘आआहह … उम्म …’ की मादक आवाज निकाली.
मैंने उनके दोनों चूचों को बरी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसा.
उनके चूचे इतने बड़े थे कि मेरे मुँह में नहीं आ रहे थे.
मैंने चूचों के निप्पल को चूसा और चाटा फिर नीचे होकर उनकी पैंटी भी निकाल दी.
पैंटी हटी तो मैंने Xxx चाची की चूत के दर्शन किए. सच में क्या मलाई सी चूत थी उनकी … एकदम कच्ची कली की तरह, गुलाबी रंगत वाली चूत थी और चूत के ऊपर छोटे छोटे काले बाल उनकी शोभा बढ़ा रहे थे.
मैंने चाची की चूत पर हाथ लगा दिया और उस मखमली अहसास को महसूस करने लगा जिससे मुझे एक नशा सा चढ़ने लगा था.
मुझसे रहा न गया और मैंने चाची की चूत पर अपना मुँह लगा दिया.
चाची को शायद गुमान ही न था कि मैं ऐसा कुछ करूंगा.
उनके मुँह से उसी पल एक तेज ‘आआह शश … ओओह मर गई …’ की आवाज निकल गई और वो मेरे सर को पकड़ने लगीं.
चाची को अपनी चूत चटवाने में मजा आ रहा था, वो एकदम गर्म हो गई थीं.
मैं अपनी जीभ को चूत के अन्दर बाहर कर रहा था.
उन्होंने मेरे मुँह को चूत में दबा लिया था. उनकी अकड़न एकदम से बढ़ गई थी.
अगले ही मिनट में चाची की चूत झड़ गई और मैं सारा माल पी गया.
चाची ने हांफते हुए कहा- वाह मेरे राजा, मजा आ गया.
मैंने कहा- अभी तो असली मजा आना बाकी है मेरी जान.
कुछ देर बाद चाची ने मेरी पैंट निकाल दी और लंड को बाहर निकाल दिया.
मेरा लंड खड़ा था.
वो खड़ा लंड देखकर मुस्कुरा दीं और कहने लगीं- ये तो बहुत बड़ा है, तेरे चाचा से तीन गुना बड़ा है. ये मेरी चूत में कैसे जाएगा?
मैंने कहा- सब चला जाएगा बस इसको जरा प्यार करो.
उन्हें मैंने लंड चूसने के लिए कहा तो चाची ने लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
वाह क्या मजा था, चाची के गुलाबी होंठों की छुअन से मेरे अन्दर करंट दौड़ने लगा था.
मुझे जन्नत का सा सुख मिल रहा था.
चाची लंड इतनी अच्छी तरह से चूस रही थीं कि पांच छह मिनट में ही लंड जवाब दे गया.
मैंने सारा माल उनके मुँह में डाल दिया और उन्होंने एक भी बूँद नीचे नहीं गिरने दी.
मैंने कहा- वाह मेरी रानी क्या लंड चूसती हो … मजा आ गया.
चाची हंसने लगीं.
फिर मैंने उनकी गांड को चूसा. चाची गर्म हो गईं और मेरा लंड खड़ा हो गया.
चाची ने कहा- बस अब और ना तड़फा चूत को … जल्दी से डाल दे अपना हथियार इसमें!
मैंने चाची को सीधा लिटाया और उनकी टांगों को अपने कंधे पर रख कर लंड को चूत के ऊपर सैट कर दिया.
चाची जब तक सम्भल पातीं, मैंने एक तगड़ा धक्का दे मारा, जिससे मेरे लंड का टोपा अन्दर घुसता चला गया.
चाची की कामुक आह निकली और लंड चूत की मां चोदने लगा.
मैंने एक और करारा धक्का मारा और इसी के साथ मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.
चाची ने फिर से चीख मारी.
मैंने लंड खींचा और एक और धक्का दे मारा. मेरा लंड पूरा अन्दर घुसता चला गया और चाची की सांस फूल गई.
फिर मैं थोड़ी देर ऐसे ही रुका रहा.
जब चाची सही हुईं तो मैंने उनको चोदना शुरू कर दिया.
चाची- आआहह … ओओहह … चोद मुझे और जोर से चोद … फाड़ दे मेरी चूत को मेरे राजा … आआह … चोद दे साले भोसड़ा बना दे मेरी चूत का.
मैं भी आंखें मूंदे चाची को चोदता जा रहा था, तो चाची दो बार झड़ गई थीं.
पर मैंने उनके चूचों को चूसते हुए चोदना जारी रखा.
फिर मैंने रफ्तार बढ़ा दी और चाची से कहा- मेरी रानी, मेरा पानी निकलने वाला है, कहां निकालूँ?
चाची- मेरी चूत में ही निकाल दे, भर दे मेरी चूत को, बहुत समय से प्यासी है बेचारी.
मैंने कहा- ठीक है मेरी रानी.
मैंने चार पांच झटके मारे और चाची और मैं एक साथ झड़ गए.
चाची- मजा आ गया आज मेरी चूत को शाँति मिल गई. अब तू ही मेरा सब कुछ है. मैं जब मर्जी तेरा लंड ले सकती हूँ.
मैं- हां, मेरी रानी मुझे भी तेरी चूत चोद कर बहुत मजा आया. मैं भी तुम्हारी चूत और गांड जब मर्जी मार सकता हूँ.
तब से हफ़्ते में एक या दो दिन और कभी हर रोज, मैं चाची की चूत मार लेता हूँ.
आपको मेरी Xxx चाची चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे बताएं.
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