लॉकडाउन में विवाह में मिली चूत- 2

मुझे एक शादी में चुदाई का मजा मिला. मेरी बुआ के घर विवाह में शामिल हुआ. वहां मुझे बुआ की एक रिश्तेदार जवान भाभी पसंद आ गयी. उसे कैसे चोदा मैंने?

नमस्कार दोस्तो, मैं आपका राज शर्मा आपका हिन्दी सैक्स कहानी पर स्वागत करता हूं।

जैसा कि मैं आपको पिछली कहानी
अनजान भाभी मेरे बिस्तर पर आ गयी
में बता चुका हूं।
कैसे राखी भाभी को मैंने रात भर चोदा।

मेरे दोस्तो, आज की मेरी कहानी पढ़कर लड़के मुठ्ठी मारने को और लड़की अपनी चूत में उंगली डालने को मजबूर हो जाएंगी।

जैसा कि आप जानते हैं कि राखी भाभी के बूब्स भरे हुए हैं और उनकी मस्त गदराई गांड को देखकर बुड्ढा भी लंड खड़ा करके चुदाई को तैयार हो जाये।

चुदाई करने के मेरे तरीके से राखी भाभी बहुत खुश थी क्योंकि उसे ऐसा लंड पहले कभी नहीं मिला था।

अब मैं आगे की कहानी पर आता हूं।

शादी के दूसरे दिन मेहमान चले गए थे और मैं भी अपने घर आने की तैयारी में था।
मेरी बुआ मुझसे बोली- राज, तुम आज और रूक जाओ।

तभी राखी भाभी भी आ गई और बोली- क्या बात चल रही है?
बुआ बोली- राज घर जाने को बोल रहा है तो मैंने कहा आज और रूक जाओ।

तभी राखी भाभी बोली- हां, कल तो सब शादी में बिजी थे; आज सब मिलकर खूब मस्ती करेंगे। वैसे भी कल तो मुझे भी जाना है तो आधे रास्ते में मुझे छोड़ देना।
बुआ बोली- आधे में क्यों … राज तुम्हें घर छोड़ता हुआ निकल जाएगा।

फिर मैं भी भाभी का मन देखकर मान गया और सबने मिलकर खूब मस्ती की।

अब शाम को खाना सबने मिलकर साथ ही खाया और मैं ऊपर छत वाले रूम में आ गया।

थोड़ी देर बाद भाभी और बुआ आ गई फिर हम सब बातें करने लगे।
राखी भाभी बोली- मुझे नींद आ रही है.
तो बुआ बोली- सो जा. दिनभर से तो काम कर रही है, बिल्कुल भी आराम नहीं करती है।

थोड़ी देर बाद मैं भी लेट गया.

फिर बुआ बोली- सो जाओ, मैं नीचे जा रही हूं। दरवाजा बंद कर लेना.

मैंने नींद का नाटक करते हुए कहा- आप ही बंद कर देना।
बुआ बोली- नहीं तुम अंदर से बंद कर लो। रूम में बहुत सामान है।

फिर बुआ बाहर निकल गई और मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया।
अब मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था.

मैंने जल्दी से पूरे कपड़े उतार दिए और नंगा होकर बिस्तर में आ गया।
धीरे से मैंने राखी भाभी के गाल को चूमा और कहा- भाभी उठो।

तभी उसने मुझे जोर का धक्का दिया और बोली- मुझे भाभी मत बोलो।
फिर मैंने कहा- राखी डार्लिंग अब तड़पाओ मत अपने राज को खुश कर दो।

मैंने उसकी साड़ी और ब्लाऊज़ उतार दिया और ब्रा से ही बूब्स दबाने लगा.
वो सिसकारियां भरने लगी- आहह आहह आहह ऊईई ऊईई!

मैंने एक हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और चूत सहलाने लगा.
वो भी गर्म होने लगी और बोली- राज आज तुम मुझे जमकर चोदना।

मैंने भाभी की ब्रा पैन्टी उतार कर नंगी कर दिया. फिर मैं उसके बूब्स चूसने लगा।
भाभी बोलने लगी- आहह आहह और तेज़ तेज़ चूसो राज आहह आहह!

मैं जोश में आकर और तेज़ तेज़ चूसने लगा.
उसकी सिसकारियां तेज़ हो गई।

अब मैंने उसकी चूचियों पर लंड फिराना शुरु कर दिया.
राखी बोली- राज आज की रात को यादगार बना दो।

मैंने 69 की पोजीशन ले ली और दोनों चूत लंड चूसने लगे।
आज राखी ज्यादा खुलकर साथ दे रही थी और लंड को मस्त होकर चूस रही थी।

मैं भी अपनी जीभ उसकी चूत में अंदर तक घुसा कर गपागप गपागप चला रहा था।

उसकी चूत फूल गई थी और उसकी चूत ने नमकीन पानी छोड़ दिया जो मैं पी गया।

अब मैं बिस्तर पर ही खड़ा हो और राखी घुटनों पर बैठकर लंड को गपागप गपागप चूसने लगी।

तभी मेरे लौड़े से वीर्य निकल पड़ा और राखी ने आखिरी बूंद तक निचोड़ कर सारा वीर्य पी लिया।

अब राखी ने उठकर रूम की लाइट चालू कर दी।

हम दोनों ही नंगे जिस्म थे और एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा उठे।

तभी उसने अलमारी से एक बैग उठाया जो शायद वो दिन में रख गई थी।
उसने सिंदूर निकाल कर कहा- राज, मेरी मांग भर दो।
पहले तो मैं घबराया कि ये क्या भाभी सुहागरात मना रही है मेरे साथ?

वो बोली- यह हम दोनों के बीच की बात है।
मैंने उसकी मांग भर दी।

फिर उसने एक चुनरी ओढ़ ली और मेरे पैर छुए.
तो मैंने उसे उठाकर गले लगा लिया।

फिर उसने मिठाई निकाली, हम दोनों ने खाई।
उसने मुझे एक चांदी का छल्ला पहनाया।

मैं बोला- भाभी, ये सब क्या है?
वो बोली- राज, आज से मैं तुम्हारी बीवी हूं और मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनना चाहती हूं। आज तुम भाभी संग सुहागरात मनाओ.

फिर उसने एक शीशी निकाली और तेल को अपने हाथों में लेकर मेरे लौड़े को मसाज करने लगी।
थोड़ी देर बाद मेरा लौड़ा लोहे की रॉड बन गया.

उसने मुझे एक दूसरी शीशी लेकर बिस्तर में आने को कहा और दोनों टांगों को चौड़ा करके बोली- राज, मेरी चूत में तेल लगाओ।
मैंने उसकी चूत में तेल की बूंदें डालकर उंगली करने लगा.

उसकी सिसकारियां निकलने लगी- आहह आहह ऊईई ऊईई … राज चोदो मुझे … फ़ाड़ दे मेरी … आहह आहह … चोदो चोदो मुझे … फ़ाड़ दे आहह ऊईई ऊईई आहह ऊईई ऊईई!

मैंने देर न करते हुए अपना लन्ड झटके में पूरा घुसा दिया उसकी चूचियों को मसलने लगा और उसके मुंह को बंद करके चोदने लगा।
वो छटपटा रही थी, रो रही थी.

लेकिन आज मेरा लौड़ा रूकने के लिए तैयार नहीं था। मैंने अपने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी.

उसके शरीर में अकड़न होने लगी उसकी आवाज बंद हो गई।
मैंने और तेज़ तेज़ झटके मारना शुरू कर दिया।

थोड़ी देर बाद उसे जैसे होश आया वो चिल्लाने लगी- और जोर से चोद … और तेज़ तेज़ … फ़ाड़ दे मेरी … आहह आहह आहह ऊईई … और तेज़ तेज़!
मैं समझ गया कि यह तेल का कमाल है।

मेरा लौड़ा अंदर तक जाने लगा उसकी बच्चेदानी तक जा रहा था। आज उसे दर्द नहीं हो रहा था.

वो रंडी के जैसे चिल्ला रही थी- और तेज़ तेज़ चोदो आहह ऊईई!

मैं तेज तेज झटके मारने लगा, उसकी चूचियां और मसलने लगा.
वो भी गांड मटका मटका कर लंड ले रही थी।

अब मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा.
वो तुरंत बन गई और लंड को अपने हाथों से पकड़ कर चूत में घुसाने लगी.

मैंने जोर का धक्का लगाया.
वो ऊईई ऊईई सीईई आहह आहह आहह आहह करके चिल्लाने लगी.

मैंने उसकी कमर पकड़कर अपने लौड़े को तेज़ तेज़ चलाना शुरू कर दिया.
उसकी आहह ऊईई ऊईई आआआ आहह आहह हह आहह से मेरे लौड़े को जोश आ रहा था।

अब हम दोनों बिस्तर पर चुदाई का पूरा मज़ा ले रहे थे। अब वो भी अपनी गांड को आगे पीछे कर लंड ले रही थी।

तब मैंने लंड निकाल लिया और उसे कहा- तुम मेरे लौड़े पर बैठ जाओ.
वो बोली- रूको!

उसने लंड पर 2-3 बूंद तेल की डालीं और चूत में लन्ड सेट करके बैठ गई.

जैसे ही बैठी लंड सट से अंदर चला गया.

वो चिल्लाने लगी- ऊईई ऊईई ऊईई मर गई बचाओ बचाओ!

भाभी चिल्लाती रही और मैं उसकी क़मर पकड़कर चोदने लगा.
अब दोनों ही नंगें जिस्म पसीने से भीग गए और सिसकारियां भरने लगे.

वो भी अब लंड पर उछल उछल कर गांड पटकने लगी जैसे अब वो लंड को चोद रही थी।
अब चुदाई की आवाज से पूरा कमरा गूंज उठा था।

मैंने अपनी लाइफ में कई लड़कियों, भाभी, आंटी, बुड्ढी औरतों को चोदा है लेकिन जितना मज़ा राखी को चोदने में आ रहा था, उतना कभी नहीं मिला था।

अब मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा.
फिर उसकी चिकनी गुलाबी मखमली चूत में तेल की 3-4 बूंदें गिराकर अपना लन्ड घुसा कर गपागप गपागप चोदने लगा।
अब मेरा लौड़ा अंदर तक जाने लगा और उसकी चूत को चोदने लगा।

आज हम दोनों में भरपूर जोश आ गया था।

अब मैंने अपने लौड़े को चौथे गियर में डाल दिया और अपनी रफ़्तार तेज कर दी।
आहह आहह आहह … हाँ आहह … ऊईई ऊईई आहह … आहह हय … ऊईई सीईई आहह की आवाज से पूरा कमरा गूंजने लगा।

आज मेरे लौड़े को जैसे घोड़े के पांव लग गऐ थे वो सरपट राखी की चूत में दौड़ रहा था।

एक चीख के साथ राखी की चूत ने पानी छोड़ दिया; वो निढाल हो गई.
लेकिन मेरा लंड आज सुपरफास्ट ट्रेन था।

फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च की आवाज अब तेज होने लगी।
अब लंड और जल्दी जल्दी अंदर बाहर होने लगा था।

मैंने उसकी चूचियों को पकड़ कर अपनी रफ़्तार तेज कर दी।
अब उसकी सिसकारियां धीमी हो गई थी और आहह आहह आहह करके वो लंड ले रही थी।

मेरे लौड़े का स्टेशन भी आ गया और गर्म गर्म लावा निकल कर राखी की चूत में भर गया।
मैं उसके ऊपर गिर गया.

हम दोनों पसीने में डूबे हुए थे।

5 मिनट बाद राखी ने मेरा लौड़ा बाहर निकाला और हम अलग अलग लेट गए।

आज राखी की आंखों में चमक थी।
वो बाथरूम जाने को उठी तो उसको चलने में दिक्कत हो रही थी.

मैंने उसे उठाया और बाथरूम ले गया; दोनों ने मूता, उसने वहीं मेरा लौड़ा चूसा।

मैं उसे गोद में उठाकर लाया और बिस्तर पर लिटा दिया.
फिर मैं उसके होठों को चूसने लगा, वो भी साथ देने लगी।
उसका हाथ मेरे लौड़े को सहलाने लगा।

थोड़ी देर बाद दोनों गर्म हो गए. उसने अपनी चूत में मेरा मुंह लगा दिया और मैं चूसने लगा।

अब उसने मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. फिर तेल को अपने हाथों में लेकर लंड को मसाज करने लगी।
मैंने उसकी चूत में तेल लगाया और उंगली डालने लगा।

अब वो मेरे लौड़े को पकड़कर अपनी चूत में डालने लगी.
मैंने जोर लगाया तो मेरा लौड़ा पूरा अन्दर घुस गया.

उईई ऊईई ऊईई आहह आहह करके वो कमर चलाने लगी.

अब दोनों पूरे गर्म हो गए थे, मैं अपनी फुल स्पीड से चोदने लगा।
आहह आहह ऊईई ऊईई सीईई सीईई आहह करके वो लंड ले रही थी।

फिर मैंने उसे घोड़ी बना कर जमकर चोदा।
उसके बाद उसकी टांगों को चौड़ा करके चोदने लगा और थोड़ी देर बाद दोनों एक साथ पानी छोड़ दिया और चिपक कर लेट गए।

20 मिनट बाद मैंने उसकी गान्ड में लन्ड रगड़ना शुरू कर दिया.
वो बोली- राज नहीं।
मैंने कहा- आज तुम मेरी बीवी हो और अपने पति को खुश करना तुम्हारा काम है।

फिर मैंने उसकी गान्ड में तेल लगाया और उंगली घुसा दी.
“उईई ऊईई ऊईई मर गई बचाओ बचाओ मर गयी.” चिल्लाने लगी वो!
उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे।

मैंने धीरे धीरे उंगली अंदर बाहर करना चालू रखा.
अब उसकी आवाज बंद हो गई थी।

मैंने अपने लौड़े पर तेल लगाया और उसे घोड़ी बनाया उसके गांड के सुराख पर थूक लगाया और लंड को घुसा दिया.
उसकी चीख निकल गई- उईई सीईई घग घग आहह आहह आहह!

मैंने उसके मुंह को बंद कर दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा.

अब वो छटपटा रही थी लेकिन मैं रूकने वाला नहीं था।

वो बेहोश हो गई लेकिन मैं उसे चोदता रहा.

थोड़ी देर बाद मैंने लंड निकाल लिया और थूक से गीला करके फिर से घुसा दिया.
उसकी चीख निकल पड़ी- आहह आहह ऊईई आहह ऊईई ऊईई सीईई आहह!
वो बोली- राज, मैं मर जाऊंगी निकाल बाहर!

मैंने उसकी एक न सुनी और झटके पे झटके लगाने लगा.
अब धीरे धीरे उसकी सिसकारियां निकलने लगी उसके बूब्स मसलने लगा और उसकी गान्ड चोदने लगा।
वो भी धीरे धीरे गांड चलाने लगी।

अब मैं जोश में आ गया और अपनी रफ़्तार बढ़ा दी.

भाभी की ऊईई ऊईई आहह आहह आहह उईई! की आवाज तेज हो गई और मैंने भी अपनी रफ़्तार और तेज कर दी.
अब मेरा लौड़ा सटासट सटासट अंदर बाहर करने लगा।

20 मिनट बाद मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसकी चूत के अंदर लंड घुसा दिया और गपागप गपागप चोदने लगा।

अब चूत लंड का जवाब देने लगी थी और आहह आहह ऊईई ऊईई करके वो अपनी क़मर चलाने लगी थी।

उसकी आवाज तेज हो गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. उसकी गीली चूत में लन्ड सट सट अंदर बाहर होने लगा.

और तभी मेरे लौड़े ने वीर्य की धार राखी की चूत में छोड़ दी।
दोनों चिपक कर लेट गए और पता नहीं चला कब नींद आ गई।

सुबह गेट बजने की आवाज आई तो दोनों नंगे पड़े थे.
मैं डर गया, पूछा- कौन?
बुआ थी।

मैंने कहा भाभी सो रही है. कोई काम है?
वो बोली- नहीं उसे सोने दो। तुम भी आराम करो, मैं मंदिर जा रही हूं।

बुआ के जाने के बाद मैंने राखी को जगाया.
वो बोली- राज, सुबह हो गई. कपड़े पहनो और नीचे चलो।

मैंने उसे बताया- बुआ आई थी और वो मंदिर गई हैं।
फिर मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया और दोनों गर्म हो गए.

हम दोनों 69 में आ गए और मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चिकनी गुलाबी मखमली चूत में लन्ड घुसा दिया.
मैं झटके मारकर चोदने लगा.

अब दोनों ही सिसकारियां निकलने लगे- आहह आहह आहह राज और चोदो मुझे आहह! तुम कितना अच्छा चोदते हो.

फिर मैंने उसे अपनी चुदाई की लाइफ बताई.
वो बोली- राज, तुम्हारी चाची और गुड़गांव वाली रेखा आंटी कितनी लकी हैं।

फिर मैंने उससे कहा- राखी, तुम्हारे जैसी कोई नहीं है।

मैंने उसे घोड़ी बनाया और चोदने लगा.
अब वो बोली- राज फ़ाड़ दे मेरी … आहह आहह आहह ऊईई ऊईई आहह … आज राखी तेरी है आहह आहह!

मैं तेज तेज झटके मारने लगा।
तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया और उसे सीधा लिटाया और चोदने लगा।

अब मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और अंदर-बाहर करने लगा।
उसकी आंखों में चमक आ गई और बोली- राज, तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले।
मैंने उसे कहा- मैं तुम्हें खुश कर पाया … इससे ही मैं बहुत खुश हूं।
और झटकों के साथ ही मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया और मैं उसके ऊपर लेट गया।

5 मिनट बाद हम बाथरूम गए और उसने मेरे लौड़े को चूस कर साफ़ कर दिया, फिर हम कपड़े पहन कर नीचे आ गए।

उसके बाद हम 3 बजे वहां से निकल आये और उसे उसके घर छोड़कर मैं अपने घर आ गया।

फिर हमारी फोन में बात होने लगी.
और एक दिन उसने मुझे बताया कि मैं बाप बनने बाला हूं और वो बहुत खुश है. उसकी ससुराल में सब बहुत खुश हैं और उसका पति भी उसे खूब प्यार दे रहा है।

वो बोली- राज तुम मेरी जिंदगी में खुशियां लेकर आए।

दोस्तो, मेरी भाभी सुहागरात कहानी पसंद आयी होगी. कमेन्ट जरूर करें.
धन्यवाद.
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