मेरी बहन को मुझसे चुदकर चुदाई की लत लग गयी- 9

हॉट लड़की चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मेरी बहन को जब लालच दिया किसी ने तो वो पैसों के बदले अपनी चूत मरवाने के लिए राजी हो गयी मेरे सामने!

कहानी के पिछले भाग
आपा को घोड़ी बनाकर गांड मारी
में आपने पढ़ा कि मैंने आपा की गांड मार कर उनकी गांड का उद्घाटन कर दिया था. लेकिन समस्या अभी भी पैसों की थी. आपा ने अपने बॉयफ्रेंड से पैसे मांगे तो बदले में उसने आपा की चूत मांग ली.

अब आगे हॉट लड़की चुदाई स्टोरी:

हम दोनों भाई बहन की टेंशन खत्म हो गई थी क्योंकि हमें कल रुपए मिलने वाले थे.
आपा अपने कमरे में चली गयी और मैं भी सो गया.

अगले दिन आपा कॉलेज चली गयी.
वहां उन्होंने विशाल से रूपए ले लिए और शाम को मुझे बुलाकर रूपए देती हुईं बोली- चलो जसवंत को रूपए दे आते हैं.

मैं और आपा जसवंत के घर पहुँच गये.
आपा को देखकर जसवंत बोला- आ गयी रंडी फिर से चुदवाने!

हम दोनों को बहुत गुस्सा आया मगर हमने उससे कुछ नहीं कहा.
बस उससे बोला- आज तेरे पैसे देने आये हैं.
ये बोलकर आपा ने उसे रूपये दे दिए.

रूपए मिलते ही बोला- क्यों री रंडी, कहाँ से चुदवाकर लायी हैं रूपए?
तो मैंने गुस्से में कहा- तुझे इससे क्या मतलब?
आपा ने मुझे शांत करवा दिया.

फिर आपा ने उससे कहा- अब वो विडियो डिलीट करो.
तो उसने ईमानदारी से विडियो डिलीट कर दिया.

लेकिन जाते जाते उसने आपा को अपनी तरफ़ खींचकर अपनी बाँहों में ले लिया और उन्हें किस करने लगा.

आपा अब उससे छुटना चाहती थी तो वो जोर लगाने लगी मगर जसवंत की पकड़ मजबूत थी तो वो अपने आप को छुड़ा न सकी.
फिर जसवंत ने आपा के बूब्स दबाने शुरू कर दिए और उनके चूतड़ों को मसलने लगा और बोला- मेरी जान, एक बार चूत दे दे. इसमें से आधे रूपए तुझे वापस कर दूंगा.

पहले तो आपा मना करती रही मगर उसके ज्यादा जोर देने पर आपा ने कुछ सोचा.
तो मैंने कहा- आपा आप क्या सोच रही हो?
वो मुझे एक कोने में ले गयी और बोली- यार इस मादरचोद जसवंत ने मुझे गर्म कर दिया है. और अब मुझे लंड चाहिए. वैसे भी वो चुदाई के 10 हजार रूपए देने को तैयार है. तो सोचो हमारी कितनी मदद हो जाएगी.

तो मैंने कहा- आपा, मैं आपको किसी और से चुदाई करते हुए नहीं देख सकता, मेरा लंड खड़ा हो जाता है, फिर मेरा भी मन चुदाई का करने लगेगा. और मैं नहीं चाहता कि किसी को हमारे रिश्ते के बारे में पता चले.

यह सुनकर आपा ने कहा- ठीक है, तुम थोड़ी देर बाहर रुको, मैं जल्दी काम ख़त्म करके आती हूँ.
मैंने उनसे ‘ठीक है.’ कहा और फिर मैं बाहर आने लगा.

मुझे बाहर जाता देखकर जसवंत बोला- ये साला मादरचोद यहीं रहेगा. इसके सामने इसकी बहन चोदने में बहुत मज़ा आता है.
यह सुनकर आपा ने मुझे वहीं रुकने का इशारा किया.
तो मैं भी वहीं रुक गया.

उस जसवंत ने आपा को अपनी बांहों में भर लिया और किस करना शुरू कर दिया.

आपा ने उस वक्त बुर्का पहना हुआ था.
जसवंत ने आपा का बुर्का उनके जिस्म से अलग कर दिया.

अब आपा ने लाल रंग का एक सूट पहना हुआ था जिसमें कि वे बहुत कातिल लग रही थी.

वह आपा की गर्दन को चाट रहा था.
आपा पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और उनके हाथ भी अब तक जसवंत की पीठ पर चल रहे थे, वे जसवंत की पीठ को सहला रही थी.
जसवंत भी समझ चुका था कि आज आपा को मजा आ रहा है.

फिर उसने अपने हाथ आपा के चूतड़ों पर रख दिए और उनके चूतड़ों को जोर जोर से दबाने लगा और उन पर थप्पड़ मारने लगा.

तभी उसने आपा का कुर्ता उनके जिस्म से अलग कर दिया.
उस वक्त आपा ने सफ़ेद ब्रा पहनी हुई थी.

फिर उसने हाथ नीचे ले जाकर उनकी पजामी भी उनके जिस्म से अलग कर दी.

अब आपा ब्रा और पैंटी में उसके सामने खड़ी हुई थी.
फिर जसवंत जल्दी ही अपने कपड़े उतार कर खुद भी नंगा हो गया.

उसका काला लंड लटका हुआ था.
आपा ने उसके लंड को अपने हाथ में ले लिया और सहलाना शुरू कर दिया.

यह आपा के हाथ का जादू ही था कि जसवंत का लंड 1 मिनट में ही खड़ा हो गया.
अब आपा ने उसका लंड पैंटी के ऊपर से अपनी चूत पर चलाना शुरु कर दिया.

जसवंत ने आपा को कहा- साली आज तो तू बहुत मस्त लग रही है … आज तो तू बहुत खुलकर चुदाई करवाएगी.
यह सुनकर आपा हंसी और उसका लंड अपनी चूत पर सहलाना जारी रखा.

अब जसवंत ने अपने हाथ पीछे ले जाकर आपा की ब्रा भी उनके जिस्म से अलग कर दी और उनकी पैंटी उतारकर उनको नंगी कर दिया.

आपा का नंगा जिस्म हमेशा से ही मुझे पागल करता था और आज भी कर रहा था.
मैंने भी अपना लंड अपनी पैंट के ऊपर से सहलाना शुरु कर दिया.

यह देखकर जसवंत ने मुझे अपने पास बुलाया तो मैं उसके पास चला गया.
फिर उसने मुझे आपा के पीछे खड़ा कर दिया और मेरे हाथ आपा की बूब्स पर रखकर बोला- दबा इन्हें!

पर मैं उसके सामने आपा के बूब्स नहीं दबाना चाहता था इसलिए मैंने हाथ हटा लिए.

उसने फिर से हाथ पकड़ कर धमकी भरे लफ्जों में कहा- मादरचोद दबा अपनी बहन के दूध … तू भी मजा ले!
फिर मैंने आपा की तरफ देखा तो आपा ने मुझे इशारा कर दिया.

तो मैंने आपा के बूब्स पर हाथ रखे और उनको दबाना शुरू कर दिया.

अब स्थिति यह थी कि जसवंत आपा के आगे की तरफ खड़ा था और मैं आपा के पीछे की तरफ था.
आपा अब इसमें एक सैंडविच की तरह हम दोनों का मजा ले रही थी.

जसवंत ने मुझे नंगा होने को कहा.
मैं भी अपने कपड़े उतार नंगा हो गया.

अब मेरा लंड आपा की गांड में टच हो रहा था.
आपा ने अपना एक हाथ पीछे ले जाकर मेरा लंड पकड़ लिया.

अब आपा ने एक हाथ से जसवंत का लंड पकड़ लिया और एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाना शुरु कर दिया.

मुझे आपा का ये रूप देखकर बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं समझ चुका था कि आज आपा दो दो लंड से चुदने वाली हैं.

फिर जसवंत ने अपना लंड आपा की चूत पर रखा और धक्का देने लगा.
उसका लंड आपा की चूत में चला गया जिससे आपा की एक जोर की सिसकारी निकली … आपा ने जसवंत को अपनी बाँहों में जोर से जकड़ लिया और उसके हर धक्के का माकूल जवान देने लगी.

उधर पीछे से मैं आपा की कमर को चाट रहा था और हाथों से आपा के बूब्स दबा रहा था.

तो जसवंत ने मुझे कहा- कैसा लग रहा है अपनी आपा के बूब्स दबाते हुए?
मैंने कुछ नहीं कहा, बस आपा के बूब्स दबाने चालू रखे.

लगभग 15 मिनट आपा को खड़ी करके चोदने के बाद जसवंत ने आपा को बिस्तर पर लेटा दिया और मुझे बोला- अब तू जाकर साइड में बैठ जा. अब तेरी बहन की खतरनाक चुदाई होने वाली है.
फिर उसने आपा की नंगी टांगों को अपने कंधे पर रख लिया और ठोकना शुरू कर दिया.
जसवंत के हर धक्के पर आपा की अलग ही आवाज निकल रही थी जिन्हें सुनकर मेरा लंड काबू से बाहर हो रहा था.

लगभग आधा घंटे तक आपा की चुदाई करने के बाद जसवंत ने अपने लंड का पानी आपा के मुंह पर छोड़ दिया और खुद आपा से लिपटकर लेट गया और सो गया.

थोड़ी देर बाद आपा उठकर बाथरूम गयी तो मैं भी बाथरूम में घुस गया क्यूंकि अब मुझसे कण्ट्रोल करना बहुत मुश्किल हो रहा था.
बाथरूम में जाते ही मैंने आपा को पकड़ लिया और उन्हें किस करने लगा.

आपा के मुंह पर अभी भी जसवंत का पानी लगा हुआ था.
मैंने हवस की वजह से वो भी नहीं देखा और सारा पानी आपा के चेहरे से चाट लिया.

फिर मैंने आपा को घोड़ी की तरह कर दिया और उनके पीछे से लंड उनकी चूत में डालकर चुदाई करनी शुरू कर दी.
10 मिनट चुदाई करने के बाद मैंने सारा पानी आपा की गांड के ऊपर छोड़ दिया.

फिर हम दोनों एक दूसरे को साफ़ करने लगे.
और जैसे ही हम बाहर आये हमने देखा कि पंकज जो मेरा दोस्त था, वो कमरे में था.

शायद वो अपने भाई को उठाने आया था.
पंकज ने मुझे और मेरी आपा को नंगी देख लिया.

आपा ने पंकज को देखकर अपना जिस्म छुपाना चाहा.
मगर आपा अपना जिस्म छुपाने में ज्यादा कामयाब नहीं हो पाई क्योंकि पंकज ने आपा को पूरी नंगी देख लिया था.

अब पंकज आपा के जिस्म को ताड़े जा रहा था और अपने होंठों पर अपनी जीभ चला रहा था.
पंकज समझ चुका था कि जसवंत भैया ने आपा को चोद दिया है.

और हम दोनों क्योंकि नंगे थे तो उसको यह लगा कि मैंने भी आपा को चोद दिया है.
तो वह तुरंत मेरे पास आ गया और मुझे साइड में ले जाने लगा.

फिर मुझसे बोला- यार देख, मैंने तुझसे अपनी बहन चुदवाई थी और मैं भी आज तेरी बहन को चोदना चाहता हूं.
मैंने उसको देखकर गुस्से में कहा- ऐसा नहीं हो सकता.

तो उसने कहा- साले, मेरे भाई ने तेरी बहन की चुदाई की तो उसे कोई परेशानी नहीं थी तो उसे मुझसे चुदवाकर क्या परेशानी होगी? देख तू जब भी कहेगा, मैं हानिया को तेरे पास भेज दूंगा और तू उसकी चुदाई कर लेना. मगर मुझे एक बार तेरी बहन की चुदाई करनी है.

मैं नहीं मान रहा था तो पंकज ने मुझसे कहा- साले, अगर तूने मुझे तेरी बहन नहीं चुदवाई तो मैं सबको बता दूंगा कि तू अपनी बहन चोदता है.

यह सुनकर मैं डर गया और सोचने लगा कि अगर इसने सबको बता दिया तो बहुत बेइज्ज़ती हो जाएगी.
तब मैंने कहा- मैं आपा से पूछकर बताता हूँ.

फिर मैं आपा के पास गया और उन्हें सारी बात बताई.
तो वो बोली- सिर्फ 1 बार चुदाई होगी.

मैंने कहा- ठीक है.

फिर मैंने पंकज को इशारा किया तो वो उछलता हुआ आया और एक झटके में आपा ने जिस चादर से अपना जिस्म ढाका हुआ था उसे खींचकर हटा दिया.
और आपा को फिर से नंगी हो गयी.

पंकज आपा के जिस्म से चिपट गया और उन्हें किस करने लगा.
वो बहुत जोश में यह सब कर रहा था.

अब वो आपा के बूब्स चूसने लगा. वो आपा के बूब्स ऐसे चूस रहा था जैसे कोई बच्चा अपनी माँ के बूब्स चूसता है.
बीच बीच में वो आपा के निप्पल को काट भी रहा था.

फिर उसने बूब्स चूसते हुए आपा की चूत में उंगली करनी शुरू कर दी.
अब आपा भी गर्म होने लगी.

उस दिन मैंने महसूस किया कि आपा के जिस्म में कितनी ज्यादा आग है.
थोड़ी देर पहले जसवंत और मुझसे चुदने के बाद भी वो पंकज का लंड चूत में लेने को तैयार है.

फिर पंकज ने आपा को नीचे बैठा दिया और अपना लंड आपा के मुंह में डाल दिया.
पंकज का लंड मेरे लंड की तरह नार्मल था तो वो आसानी से आपा के मुंह में जा रहा था.

आपा आसानी से लंड चूस रही थी और पंकज आपा के बूब्स दबाने में व्यस्त था.

थोड़ी देर बाद उसने आपा को घोड़ी बना दिया और उनकी चूत में लंड डालकर चुदाई करने लगा.
वो आपा के बूब्स पकड़कर चुदाई कर रहा था और मैं अपनी बहन चुदती हुई देख रहा था.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर पंकज ने आपा को सीधी करके लेटा दिया और आपा की टांगें अपने कंधे पर रखकर चुदाई करनी शुरू कर दी.

5 मिनट बाद ही वो झड़ने को हुआ मगर वो अपना लंड बाहर नहीं निकाल रहा था.
तो आपा ने उसे धक्का देकर अपने से दूर किया.
तभी पंकज का पानी बिस्तर पर गिर गया.

उसने आपा को एक जोर का किस किया और चला गया.

अब जल्दी से आपा ने कपड़े पहले और बोली- इससे पहले कोई और आकार मेरी चुदाई करे, यहाँ से निकल चलते हैं.
और मैं और आपा वहां से भाग आये.

घर आकर मैंने आपा से पूछा- आपा, आज 3 लंड से चुदकर कैसा लगा?
तो वो मुस्कुराने लगी और बोली- यार, आज मुझे बहुत मज़ा आया. मुझे तो लग रहा था कि आज मेरी चूत और गांड की चुदाई एक साथ होने वाली है.

फिर वो बोली- तुम अगर उस टाइम मेरी गांड मारने को कहते तो मैं मना नहीं करती.
यह सुनकर मैंने आपा को गले लगा लिया.

फिर मैंने आपा के चूतड़ मसलने शुरू कर दिए तो आपा ने मुझे अपने से दूर कर दिया और बोली- अभी नहीं, अम्मी कभी भी आ सकती है. और अभी मेरा सेक्स करने का मन भी नहीं है.
तो मैंने मजाक में कहा- हाँ, अब क्यों मन होगा … 3 – 3 लंड से जो चुदी हो ताजी ताजी!

यह सुनकर आपा मुझे मारने दौड़ी.
तो मैं भाग गया.

फिर उस रात आपा चुदने नहीं आई.
मैंने भी उन्हें नहीं बुलाया और मैं सो गया.

अगले दिन सब नार्मल ही गुज़रा.

शाम को आपा देर से घर आई तो मैंने पूछा- कहाँ गयी थी?
तो वो मुस्कुराने लगी और भाग कर अपने कमरे में चली गयी.

मैं भी अम्मी की नज़र से छुपकर आपा के कमरे में चला गया.
तो आपा ने मुझे बोला- अभी बाहर जाओ. रात को तुम्हारे कमरे में आऊंगी, तब बात करेंगे.

मैं आपा को किस करके चला आया.

रात को लगभग 12 बजे के आसपास आपा मेरे कमरे में आ गयी.
क्यूंकि मैं भी आपा का इन्तजार कर रहा था तो मैं उस टाइम जगा हुआ था.

आपा ने कमरे में आते ही मुझे अपनी बाँहों में लिया और किस करने लगी.
मैं भी आपा को बेतहाशा चूमे जा रहा था.

थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने आपा को अपने से दूर किया और पूछा- आपा, अब बताओ कि आज इतनी देर से क्यों आई थी?
तो वो बोली- आज विशाल मुझे अपने घर ले गया था. वहां हमने चुदाई की थी.

यह सुनकर मैं थोड़ा उदास हो गया.
तो आपा ने मेरा चेहरा पकड़ा और मुझे किस करती हुई बोली- क्या हुआ? तुम अचानक से उदास क्यों हो गये?
मैंने कहा- आपा, मैं नहीं चाहता कि आप किसी और से चुदाई करो.

यह सुनकर आपा ने मुझे अपनी बांहों में ले लिया और बोली- ऐसे उदास नहीं होते. और तेरे लिए तो तेरी आपा हमेशा तैयार है ना! फिर उदास क्यों होते हो? और वैसे भी देखो मुझे विशाल पसंद है तो उसके साथ सेक्स करने का मेरा भी मन था. और बात रही जसवंत और पंकज से सेक्स करने की … तो वो तो तुम जानते ही हो कि मैंने किन हालात में उनसे सेक्स किया था. मैं तुमसे वादा करती हूँ कि अब मैं सिर्फ विशाल और तुम्हारे साथ ही सेक्स करुँगी.

आपा के मुंह से ये सब सुनकर मैंने ख़ुशी ख़ुशी आपा आपा को गले लगा लिया.

और फिर शुरू हुआ चुदाई का एक राउंड!
थोड़ी देर बाद मैंने आपा को कहा- आपा, विशाल ने आपकी गांड भी मारी थी क्या ?
तो उन्होंने कहा- मैंने आज उससे सिर्फ चूत चुदाई करवाई थी. गांड के लिए मैंने उससे कह दिया कि मैंने आज तक गांड नहीं मरवाई है तो मुझे गांड मरवाने में डर लग रहा है. तुम किसी और दिन गांड मार लेना. तो वो मान गया.

मैं आपा के चूतड़ों पर थप्पड़ मारता हुआ बोला- मेरी जान, तू तो चालू हो गयी है!
मेरे मुंह से अपने लिए ऐसे शब्द सुनकर आपा ने मेरी तरफ हैरानी से देखा और बोली- वाह बेटा, आपा से सीधा जान?
और ये कहकर हंसने लगी.

तो मैंने आपा से माफ़ी मांगी.
वो बोली- कोई बात नहीं, तुम मुझे जो चाहे बोल सकते हो.

फिर मैंने कहा- ठीक है मेरी जान. चल घोड़ी बन जा, आज तेरी गांड मारूँगा!
मेरा इतना कहना ही था कि आपा घोड़ी बन गयी.

मैंने थोड़ा सा थूक लेकर आपा की गांड में लगाया और अपने लंड पर भी लगा लिया.
फिर मैंने एक झटके में पूरा लंड आपा की गांड में उतार दिया.
जिससे आपा की जोर की चीख निकली- आआ आआई ईईईई अऊऊ ऊऊऊ आअह आआ हह्ह!

वो बोली- बहन के लोड़े, मादरचोद … आराम से नहीं डाल सकता था क्या? माँ चोद दी तूने मेरी गांड की! आआ आआई ईईईई अऊऊ ऊऊऊ … आराम से कर न बहनचोद!
तो मैंने भी आपा को गाली देते हुए कहा- साली रंडी, क्यों चीख रही है? आज तो तेरी माँ चोद दूंगा बहन की लोड़ी.

फिर मैंने आपा के बाल पकड़कर जोर जोर से उसकी गांड मारनी शुरू कर दी.
अब मैं आपा को किसी बाजारू रंडी की तरह चोद रहा था और वो भी रंडी की तरह चुदाई करवा रही थी.

थोड़ी देर बाद जब उनका दर्द ख़त्म हो गया तो वो बोली- हाँ बहनचोद … चोद मुझे … चोद अपनी रंडी बहन की गांड को! आज माँ चोद दे मेरी! मेरी जान जोर से चोद इस रंडी की गांड को! मुझे अपनी रंडी बना ले मेरे सैयां! आअ हहह उफ्फ मेरी जान आअह!

लगभग 10 मिनट तक गांड चुदाई करने के बाद मैं आपा की गांड में झड़ गया और फिर हम दोनों ऐसी ही नंगे सो गये.

इसके बाद से तो हम लगभग रोज ही सेक्स करने लगे।

इसके आगे की कहानी मैं बाद में कभी बताऊंगा।

आपको मेरी हॉट लड़की चुदाई स्टोरी कैसी लगी?
अपने विचार फेहमिना दीदी को जरूर बताना क्यूंकि उन्होंने मेरी ये कहानी लिखने में बहुत मदद की है.

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