नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम राजेश है और मैं आजमगढ़ का रहने वाला हूँ। मेरी शादी हो चुकी है साथ ही मेरा एक छोटा बच्चा भी है।
मेरी बीवी काफी हॉट है लेकिन फिर भी मैं एक बहुत ज्यादा कामुक इंसान हूँ। अभी तक मैं अपनी मौसी की लड़की और भुआ की लड़की सहित कई लड़कियों को चोद चुका हूं।
यहां तक कि मुझसे कोई दोस्ती भी कर लेता है तो में उसके रिश्ते में लगने वाली लड़कियों को भी नही छोड़ता हूँ। सीधे शब्दों में कहूँ तो मुझे सेक्स की ऐसी लत लग चुकी है जिसे में चाह कर छोड़ नही पा रहा हूं।
आज मैं आपको एक सच्ची घटना के बारे में बताने वाला हूँ क्योकि वो मेरी जिंदगी की सबसे बेस्ट चुदाई थी। तो चलिए मैं अपनी कहानी की तरफ बढ़ता हूँ।
तो बात करीब दो साल पहले की है जब मेरी नई-नई शादी हुई थी। हमारा खुद का कोई घर नही था इसलिए मेने ओर मेरी पत्नी ने आजमगढ़ में ही एक मकान किराए पर लिया था।
हम ने जहां घर लिया था वहां के लोग काफी ज्यादा अच्छे थे। साथ ही हमारे घर के ही पास में एक परिवार भी रहता था। जिसमें एक अंकल आंटी उनका बेटा ओर उनकी बहू भी रहा करते थे। उनकी बहु जिनका नाम रोशनी था मैं उन्हें भाभी कहकर बुलाता था।
रोशनी भाभी की मेरी पत्नी से काफी अच्छी बनती थी। रोशनी भाभी हमेशा ही मेरे घर आकर घण्टों तक मेरी पत्नी से बातचीत किया करती थी।
वैसे तो मेने अपनी सेक्स की लत को लगभग छोड़ ही दिया था लेकिन पता नही क्यों रोशनी भाभी को देखने भर से ही मेरा लंड खड़ा हो जाया करता था।
मेने खुदको काफी समझाया लेकिन मेरा सब्र तो जैसे टूटता ही जा रहा था। अब मैं रोशनी भाभी को चौदने के लिए जैसे बहुत ही ज्यादा उत्सुक होता जा रहा था।
मैं शायद इसलिए भी खुद को नही रोक पाए रहा था क्योंकि रोशनी भाभी का गौरा बदन, मासूम चेहरा ओर टाइड साड़ी में से दिखते हुए बूब्स मेरे सब्र को जैसे तोड़ते ही जा रहे थे।
अब मेने धीरे-धीरे भाभी से बातें करते हुए उनसे अच्छे सम्पर्क बनाना शुरू कर दिया था। उनकी आवाज काफी मासूम लगती थी जिसे सुनकर ही मेरे लंड में एक तम्बू सा बन जाया करता था।
मेने भाभी से बातों ही बातों में पता लगा लिया था कि उनका पति एक आर्मी ऑफिसर था और वह ज्यादातर घर से बाहर ही रहा करता था।
देखते ही देखते रोशनी भाभी भी मेरी गंदी नियत से वाकिफ हो चुकी थी और शायद उन्हें भी अब मुझसे बातें करने की लत लग चुकी थी।
कभी कभी जब मेरी पत्नी घर पर नही हुआ करती थी तब रोशनी ओर मैं एक दूसरे से काफी ज्यादा बातें किया करते थे। रोशनी भाभी के देवर, ससुर ओर पति अपने काम से बाहर ही रहा करते थे।
बस घर मे उनकी एक सासु रहती थी जो कि अपनी लंबी बीमारी के कारण दिन भर गोली दवाइयां लेकर सोया करती थी। एक बार की बात है जब मेरे बच्चे की स्कूल की छुट्टियां पड़ गयी थी।
मेरा बच्चा काफी समय से नानी के घर जाने की जिद कर रहा था इसलिए मेरी पत्नी और बच्चा कुछ दिनों के लिए उनके मायके निकल गए थे। जब मेरी पत्नी घर पर होती थी, तो अक्सर में अपनी सेक्स की लत पर अच्छे से कंट्रोल कर लिया करता था।
लेकिन उसके जाने पर मैं एक खुले सांड की तरह हो जाता था जो जिसे भी देख ले उसे चोद कर ही मानता था।
मेरी पत्नी के जाने के बाद में अक्सर भाभी को घूर कर देखा करता था। बदले में भाभी को भी मुझे घूर कर देखने की आदत हो गयी थी। मैं रोशनी भाभी की आंखों में देख कर बता सकता था कि वो भी चुदने के लिए काफी बेताब है।
एक दिन जब ऑफिस कि छुट्टी होने की वजह से मैं घर पर ही था। तब अचानक से रोशनी भाभी मेरे घर पर आती है और मुझसे कहती है ‘भैया मैं तो काफी परेशान हो गयी हूँ’।
क्यूं क्या हुआ भाभी? – मेने जवाब देते हुए कहा
तभी रोशनी भाभी ने कहा – देखो ना आपके भैया ओर मेरे देवर घर पर नही है। काफी गर्मी है और मेरा कूलर भी खराब हो गया है। मैं काफी परेशान हो रही हूं।
‘ बस इतनी सी बात है मैं ठीक कर देता हूँ वैसे भी आज में फ्री हूँ – मेने जवाब देते हुए कहा
तभी रोशनी भाभी ने कहा – आपका बहुत बहुत शुक्रिया आप फ्री होकर तुरंत ही मेरे बैडरूम की तरफ आ जाइए। मैं उस दिन तुरंत ही अपने सभी कामों को खत्म कर के कूलर ठीक करने के लिए रोशनी भाभी के बेडरूम में चला गया था।
मैं रोशनी भाभी के बेडरूम में गया और कूलर को नीचे उतार कर उसे फिट करने में लग गया था। मेरे साथ रोशनी भाभी भी मेरे साथ मैं बैठी हुई थी। उस दिन उनके बूब्स पहले से ज्यादा उभरे हुए दिख रहे थे। साथ ही उनके ब्लाउज में से उनके बूब्स भी काफी अधिक बाहर निकलते हुए दिख रहे थे।
ऐसा दृश्य देखकर मेरी पेंट में 7 इंच का तम्बू बन गया था। मेरा काम से ध्यान भटक रहा था लेकिन फिर भी मेने जैसे तैसे कर के आखिर कूलर फिट कर ही दिया था। मैं काफी थक गया था तो भाभी मेरे लिए पानी लेने के लिए चली गयी थी।
भाभी के जाने के बाद मेने देखा कि कूलर के ड्रावर में भाभी की ब्रा ओर पेंटी रखी हुई है। मेरा लंड खडा होने पर इतना बहक गया था कि मेने भाभी की ब्रा ओर पेंटी को अपने जेब मे ही रख लिया और मैं वहां से चुपचाप निकल गया था।
घर जाकर मेने उन ब्रा पेंटी को सूंघा तो उसमे से परफ्यूम की भीनी भीनी खुश्बू आ रही थी। मेने भाभी की पेंटी को अपने लंड से रगड़ कर “आह भाभी” बोलकर मुट्ठ मारने लग गया था।
मेने अपनी आंखें इस दौरान बंद कर रखी थी और कुछ ही देर बाद मेरा माल निकल कर भाभी की पेंटी में ही ढुल गया था। मेने जैसे ही फिर अपनी आँखें खोली तो सामने भाभी को अपने हाथ मे चाय पकड़ते हुए पाया।
मेने कांपते हुए कहा – भाभी आप यहां? मुझे माफ़ करना भाभी वो मैं जरा……
हां वो मेने आपके लिए चाय बनाई थी लेकिन आप तो घर पर ही आ गए थे। – भाभी ने जवाब देते हुए कहा
मेने कहा – भाभी मुझे माफ़ करना भाभी आपने जो भी देखा वो सब…..
अरे अरे कोई बात नही मैं समझ सकती हूं कि आपकी वाइफ घर पर नही है इसलिए आप पर क्या गुजर रही होगी। मेरे पति भी घर पर नही होते है। लेकिन आपने तो मेरी पेंटी ही खराब कर दी। आपने मेरा कूलर सही किया है अब मुझे भी थोड़ा सेवा करने का मौका दीजिये।
बस इतना कहते ही रोशनी भाभी मेरी तरफ बढ़ी ओर हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिया था। रोशनी भाभी के रसीले होंठ चूमकर मेरा लौड़ा 7 इंच का हो गया था।
चूमते हुए मेरा लंड भाभी की योनि से भी रगड़ खा रहा था। भाभी ओर मैं एक दूसरे को चूमते हुए बिस्तर पर जा गिरे थे।
मेने कुछ ही देर में भाभी के सभी कपड़ों को उतार कर उन्हें पूरा नंगा कर दिया था। भाभी ने भी मुझे एक के बाद एक कर के मुझे नंगा करने में कोई कसर नही छोड़ी थी। उन्होंने तुरंत मुझे नंगा कर के मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था। ‘आह भाभी आप कितनी अच्छी हो’ ऐसा कहते हुए मैं रोशनी भाभी के सर पर हाथ फेरतें हुए उनका उत्साह बढ़ाते जा रहा था।
कुछ ही देर बाद मेने भी उनकी योनि को अपनी उंगली से चोदना शुरू कर दिया था। मेरे उंगली करने से भाभी का कामरस उनकी योनि से निकल कर बाहर आ गया था। भाभी काफी ज्यादा मूड में लग रही थी। रोशनी भाभी ने मेरे 7 इंच के लंड को पकड़ कर अपने बूब्स में दबाकर उसे बूब्स से मसलना शुरू कर दिया था। मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं बता ही नही सकता था।
भाभी के चुदाई करने के अंदाज़ से ही पता चल रहा था कि वे चुदाई के लिए कब से इंतजार कर रही थी। सच मे मेने आज तक रोशनी भाभी जैसी कामुक औरत को आज तक नही देखा था।
कुछ ही देर बाद मेरा 7 इंच का ओजार भाभी की गीली चुद की शान बनने के लिए तैयार बैठा हुआ था। मेने ओर ज्यादा समय ना लेते हुए भाभी को पहले बिस्तर पर लेटा दिया था। अब मेने भाभी की चुद में अपना लंड डालते हुए उन्हें अपनी गोद मे ही उठा लिया था। मैं भाभी को उछालते हुए अपने लंड से उनकी योनि में झटके दिए जा रहा था। भाभी की तेज चीखें पूरे कमरे में ही गूंजे जा रही थी।
उछालते हुए उनके बूब्स मेरे मुंह से टकरा रहे थे। अब मेने भाभी को नीचे की तड़फ उतारा और उनकी एक टांग को टेबल पर रखते हुए उनकी योनि में को चोदने लगा। मेने उस दिन भाभी को अलग- अलग पोजिशन में चोदा था। भाभी भी लंबे समय तक मुझसे चुदती रही थी।
मेने उस दिन दो बार झड़ गया था एक बार मेने वीर्य भाभी के मुंह पर छोड़ा और दूसरी बार उनकी योनि के अंदर ही डाल दिया था। भाभी की वो मदमस्त चुदाई आज भी याद करता हूँ
तो पेंट में तम्बू बन जाता है और मुट्ठ मार कर ही दिमाग को चैन मिल पाता है।
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