मेरा नाम सचिन है, मेरी उम्र 34 साल है. मेरी शादी हो गयी है ओर भगवान ने मुझे तीन सालिया दी है. मेरी तीनो सालियो की उम्र करांश 22,21,19 वर्ष है.
दूसरे नंबर वाली साली गजब की माल है, पर वो मेरे हाथ नही आई, इसलिए मेने पहले नंबर वाली साली सोनू को लाइन मारना शुरू किया, वो भी एकदम अनुचुई काली थी.
मेरी पत्नी की डेलाइवरी के लिए मे उसे गावन् से अपने घर मुंबई ले आया. मेने सोचा, की यहा बीवी की मददात भी हो जाएगी ओर शायद मेरा काम भी बन जाएगा.
तीन महीने मे हम सब सामान्यथ रहने लगे. धीरे-धीरे मेने उस सोनू पर हाथ लगाना शुरू कर दिया, वो भी कुछ नही बोलती थी. मज़ाक-मज़ाक मे, मे उसकी मम्मो को दबा देता था, तो वो भाग कर चली जाती थी. घर पर हमेशा कोई-ना-कोई रहता था, इसलिए भरपूर मौका भी नही मिल पा रहा था. इस तारह से चार महीने बीत गये. दिन-पे-दिन वो खूबसूरात ओर मादक होती जा रही थी.
मेरा हाल बुरा था..पता नही कितनी बार उसके नाम की मूठ मर चुका था. आख़िरकार वो दिन आ ही गया, जिसका मुझे इंतज़ार था.
मेरी पत्नी को मेने डेलाइवरी के लिए हॉस्पिटल मे भाराती कर दिया.
मुझे मालूम था, की हॉस्पिटल से मेरी बीवी 2-3 दिन बाद ही घर पर वापस आएगी, चोका मारना है, तो यही मौका है. उस रात घर मे पिता जी, मे ओर साली ही थे. मा को मेने हॉस्पिटल मे बीवी के पास रहने को कहाँ.
पिता जी को काम पर जाना था, इसलिए हॉल का टीवी बंद कर दिया. मेने जान-बुझ कर, मेरे कमरे का टीवी चालू रख दिया, मेरी साली सोनू थोड़ी देर बाद मेरे कमरे मे ही आ गयी. मे बहुत खुश हो गया, मेने लाइट बंद कर दी ओर दोनो बिस्तर पर बेठ कर टीवी देखने लगे.
कुछ देर बाद वो सो गयी, या सोने का नाटक कर रही थे, मुझे पता नही …. मेरे पास ये पता करने का एक रास्ता था, मे भी उसके बगल मे लेट गया, उसकी पीठ मेरी तरफ़ थी, मे धीरे-धीरे उससे चिपक गया.
मेने अपना हाथ उसके मम्मो पर रख दिया, फिर एक पर उसके चूतादो पर रख दिया, मेरा लॅंड उसकी गान्ड की दरार मे चिपक गया. धीरे-धीरे, मे उसके मम्मो को दबाने लगा.
फिर अपना हाथ उसके कुर्ते के अंदर डाल दिया ओर उसके मदमस्त कबूतर दबाने लगा. उसकी तरफ़ से कोई विरोध या प्रातिकिरया नही आ रही थी. मेने अपना काम ओर ज़ोर से शुरू कर दिया, उसके दोनो मम्मो की मालिश शुरू कर दी, मुझे पता था, की अगर ये एक बार गरम हो जाए, तो इसे पेलने मे आसानी होगी.
मेने उसे अब सीधा कर दिया ओर उसके ऊपर आकर उसके मम्मो को चूसने लगा. बहुत सारी जगह चुंबन किए. मुझे पता था, की अब वो जोग चुकी है ओर मज़ा ले रही है. मेने सोचा, चलो ‘ट्वेंटी-ट्वेंटी’ खेलते है, मेने उसका नाडा खोल दिया उसकी चुत को सहलाने लगा.
उसकी योनि पर मुलायम बाल थे, पर फिर भी योनि एकदम चिकनी थी. मेरा जिस्म अब कांपने लगा था, मेने अपना काम ओर ज़ोर से चालू कर दिया.
अब अकेले मे ये काम नही केरना चाहता था, मेने उसकी चुत के छेद मे उंगली डालने की कोशिश की, उसमे मुझे गीलापन मिला.
मे समझ गया, की अब रास्ता सॉफ है. ये साली सोनू जगह रही है ओर मज़ा ले रही है. मे अपना लॅंड उसकी चुत पर रख कर रगड़ने लगा. उसके साँसे ओर तेज हो गयी थी. मे खुश था, की आज फिर क्वारी चुत मिलेगी. मेरे लॅंड से भी पानी आ रहा था. बस अब उसकी चुत चोदना बाकी रही गया था.
अचानक वो बोली – ये क्या कर रहे हू…एसा मत केरो…
वो ज़ोर – ज़ोर से बोलने लगी.
मेने जबरन उसे चोदना चाहा, पर वो ज़रा भी घुसने नही दे रही थी. थोड़ी देर की कुश्ती के बाद, मुझे उसे चोरना पड़ा.
वो बहुत नाराज़ लग रही थी. शायद पहली बार किसी ने उसे इतना रगड़ा था ओर वो डर भी गयी थी.
पिता जी भी दूसरे कमरे मे आ चुके थे, इसलिए मे उससे ज़्यादा बहस नही कर सकता था. वो नाराज़ हो कर लेट गयी. मे भी डर गया, की अब क्या होगा? रात भर मे ओर शायद वो भी सो नही पाई.
अगली सुबह क्या होगा, पता नही, मेरी तो फट रही थी. मे उसे चोद देता, तो शायद किसी को बताती भी नही, पर अब सब फेल हो गया था.
मेने डर के मारे आज मूठ भी नही मारी ओर सुबह के बड़े मे सोचने लगा. सुबह मेने उसे फिर पकड़ लिया ओर उसके मम्मो को दबाना शुरू किया, इस बार भी वो कुछ नही बोली. ऊपर-ऊपर से मेने उसे बहुत गरम किया, पर चुत मे डालने पर इस बार भी फिर वही गुस्सा.
मेने उसे बहुत मनाया, पर वो नही मानी ओर कहाँ, की वो ये सब दीदी को बता देगी. मेरी फिर फट गयी, मे समझ नही पाया, की वो चाहती क्या है?
करीब 15 दिन बाद, मुझे फिर से मौका मिला.
अबकी बार मेने सोच लिया था, की साली को आज नही चोदूंगा ओर मेने उसे अकेले मे मौका पा कर पकड़ लिया. उसने फिर मुझसे कुछ नही कहा, आज घर मे कोई नही था.
मेने उसको कहा, चल तू देती तो है नही…आज मेरे साथ पार्टी कर ले.
वो बोली – केसी पार्टी?
मेने उससे कहा – आज हम लोग कहीं बाहर चलते है ओर बाहर ही खाना खाएँगे.
वो राज़ी हो गयी.
मे उसे लेकर एक होटल मे गया ओर उससे पूछा – बियर तो चल जाएगी.
उसने ‘हाँ’ मे सर हिला दिया. मेने वेटर को तेज वाली बियर लाने को कहाँ.
कुछ देर बाद उसको नशा सा चड़ने लगा. वो बोली – जीजू..मुझे सहारा दो..मुझे चक्कर से आ रहे है.
मेने वेटर को बुलाया ओर एक कमरा देने को कहा.
उसने तुरंत मुझे एक कमरा दे दिया.
मेने उसे कमरे मे ले जा कर बिस्तर पर लिटा दिया ओर अपने पूरे कपड़े उतार दिए. फिर मेने उसकी तरफ़ देखा, वो मुस्कुरा रही थी. मेने उसकी आँखो की भाषा को समझ लिया ओर उसको सहारा दे कर उठाया ओर अपने सिने से लगा लिया.
वो मुझ से आज चिपक गयी ओर मे उसकी इस हरकत से चाकर्गहीन्नी था.
मेने सर को झटक्या ओर सोचा..मा छुड़ाए..मुझे क्या? पर आज साली की चुत तो फाड़ कर रहूँगा.
मेने उसके सारे कपड़े उतार दिए.
हे, क्या कबूतर थे उसके!
साली को पूरी नंगी देख कर, मेरा लंद्वा 90 डिग्री पर खड़ा हो गया, मेने उसके मम्मो को अपनी मुठियो मे भरा.
वो कहरा – क्या उखाड़ डालना है इनको?
मेने आज देर करना उचित नही समझा ओर उसको बिस्तर पर धक्का दिया ओर उसके ऊपर चड़ गया. लौदे को चुत के मुहाने पर सेट किया ओर अपना मूह उसके मूह पर रख दिया. सब कुछ सेट होने के बाद, मेने उसकी चुत मे लंद्वा सरका दिया.
वो कुछ चीखने को हुई, पर मेने उसके मूह पर पहले से ही ढक्कन जेसे लगा रखा था.
कुछ छटपटाने के बाद, लौदा चुत मे सेट हो ही गया.
उसकी चुत ने भी पानी चोद दिया था, लौदे ने सतसट चुदाई आरंभ कर दी.
करीब दस मिंट मे ही साली अकड़ गयी ओर उसकी चुत ने पानी चोद दिया. कुछ ताब्धटूद धक्के मर कर, मे भी उसकी चुत मे ही झाड़ गया.
सोनू चुद चूक थी. अब वो मेरे लौदे की पक्की जुगाड़ बन चुकी थी.