हेल्लो दोस्तों मेरा नाम नीरज है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। आज मैं एक कहानी सुनाने वाला हूँ जो कि सिर्फ एक सेक्स कहानी ही नही, बल्कि मेरे जीवन की एक सच्ची घटना है। जब मेरा जन्म हुआ था, तभी मेरे असली माता-पिता मुझे छोड़कर चले गए थे।
इस घटना के बाद मेने अपनी बाकी जिंदगी को अनाथ आश्रम में रहकर बिताया था। कुछ महीनों तक अनाथ आश्रम में जिंदगी को बिताने के बाद मुझे एक अच्छे परिवार ने गोद ले लिया था।
मुझे गोद लेने के कुछ सालों बाद ही मेरा नया परिवार भी आर्थिक समस्या के चलते गरीब हो गया था, जिससे पैसों की समस्या उत्पन्न होने लग गयी थी। उस समय मेरी उम्र कुछ 19 साल थी
लेकिन मेरे पास किसी भी प्रकार की नौकरी करने की पर्याप्त शिक्षा नही थी। इसलिए आर्थिक समस्या से परेशान होकर मेने चोरी-चकारी का काम करना शुरू कर दिया था।
मेरे परिवार को हमेशा यही लगता था कि मैं किसी फ़ैक्टरी के अंदर काम करता हूँ।
वैसे तो बहुत कामुक लड़का था, लेकिन परिवार की आर्थिक समस्या के चलते मेने आज तक किसी लड़की के साथ संबंध बनाने के बारे में सोचा तक नहीं था।
मेने भले ही आज तक किसी स्त्री के साथ संबंध नही बनाये हो, लेकिन मेने अपने शरीर को इतना सुडौल ओर आकर्षक बना रखा है कि अगर कोई लड़की एक बार मुझे देख ले तो बस देखती ही रह जाए। भले ही मैं चोरी करता हूँ लेकिन फिर भी मुझे किसी हीरो की तरह आकर्षक दिखना ओर अच्छे कपड़े पहनना काफी ज्यादा पसंद है।
तो चलिए अब मैं अपनी कहानी को थोड़ा और आगे बढ़ाता हूँ ओर आप सभी को बताता हूँ कि कैसे मेने एक रहिज लड़की को अपने जाल में फंसाकर उसके साथ एक लंबी चुदाई की थी। तो चलिए शुरू करते है।
तो यह बात करीब एक साल पहले की है जब मैं एक लंबा हाथ मारने यानी कि चोरी करने के इरादे से एक मॉल में गया हुआ था। मैं मॉल की तीसरी मंजिल पर मौजूद था और किसी का लम्बा हाथ मारने की तलाश में था। तभी मेरी नजर एक रहिज लड़की के ऊपर पड़ती है जिसकी उम्र लगभग मेरे ही बराबर यानी कि 18-19 साल की लग रही थी।
उस लड़की का बदन एक दम दूध जैसा लग रहा था, ओर एक टाइड मिनी स्कर्ट में उसके शरीर की बनावट क्या गजब की लग रही थी। उस लड़की के भूरे बाल ओर मस्त बूब्स ओर गांड को देखकर मेरे शरीर में अजीब सा कम्पन्न पैदा हो रहा था।
मुझे वह लड़की बहुत ही रहीज ओर मॉलदार पार्टी लग रही थी, लेकिन पता नही क्यूँ उसकी सुंदरता के वजह से मुझे उसकी कोई भी चीज़ चुराने का मन नही कर रहा था, क्योंकि उस लड़की ने अपनी सुंदरता से मेरा दिल ही चुरा लिया था।
लेकिन मैं परिवार की स्थिति के चलते बहुत ही ज्यादा मजबूर था, ओर फिर मैं चोरी करने के अलावा और कर भी क्या कर सकता था, क्योकि एक इसी चीज़ की वजह से तो मेरा पूरा घर चलता था। मेने अब सभी चीजों को भुलाकर उस लड़की का पर्स चुराने का फैसला कर लिया था।
मैं कुछ ही देर बाद अपने चेहरे पर पट्टी बांधते हुए बिल्कुल हवा की रफ्तार से उस लड़की की तरफ भांगता हूँ ओर कुछ ही मिनटों में उसके हाथ से उसका पर्स लेकर वहां से निकल जाता हूँ और फिर एक जगह पर चुपचाप से खड़ा होकर उस लड़की की तरफ देखने लगता हूँ।
वह लड़की जोर-जोर से चिल्ला कर कह रही थी कि “मेरी मदद करो, कोई तो मेरी मदद करो एक चोर मेरा पर्स चुराकर भाग गया है। उस लड़की की वो प्यारी सी आवाज़ अभी भी मेरे कानों में गूँज रही थी। उसकी आवाज़ ओर उसकी सुंदरता को देखकर मुझे उससे प्यार ही हो गया था।
मैं तुरंत ही अपने चेहरे से पट्टी हटाता हूँ और दौड़ता हुआ उस लड़की के पास जाता हूँ और उस लड़की को उसका पर्स लौटा देता हूं। वह लड़की मुझे देखकर बहुत खुश हो जाती है, क्योकि उसे लगता है कि मैं उस चोर से लड़कर उसका पर्स लेकर आया हूँ।
कुछ देर तक तो हम ऐसे ही प्यार से एक दूसरे की आंखों में देखने लगते है और फिर वह लड़की मुस्कुराते हुए वहां से चली जाती है। मेने भी पहली बार किसी लड़की के लिए ऐसा कुछ किया था, क्योकि एक बार जो चीज़ में ले लेता था उसे किसी भी शर्त पर नही लौटाता था।
शायद मुझे उस लड़की से प्यार हो गया था, लेकिन मेने कोई मुफ्त में उस लड़की को उसका पर्स नही लौटाया था, क्योकि इसके बदले में उस लड़की से एक बड़ी कीमत वसूलने वाला था।
मेने मॉल में जाते हुए उस लड़की के घर तक उसका पीछा किया था| आखिरकार, मेने उस लड़की के घर का पता लगा ही लिया था। साथ ही मेने यह भी पता लगा लिया था कि वह लड़की रोजाना एक पार्क में घूमने के लिए आती रहती है।
तभी मेरे दिमाग में एक ख्याल आया कि अगर मुझे इस लड़की को पटाना है तो मुझे भी उस पार्क में इससे मिलने के लिए जाना हो होगा। अगले दिन जैसे ही सुबह मैं पार्क में पहुंचता ओर उस लड़की को देखता हूँ तो मेरी नजर उस पर ठहर सी जाती है।
उस लड़की का दूध जैसा बदन पूरी तरह से पसीने से भीगा हुआ था। दौड़ लगाते हुए उसके बूब्स ऊपर से नीचे की तरफ हिल रहे थे, जो कि मेरे शरीर मे एक अलग ही कम्पन्न पैदा कर रहे थे।
उसके कपड़े भी पूरी तरह से पसीने में भिघे हुए थे, जिस वजह से मैं उसकी गांड ओर बूब्स की बनावट को आसानी से देख सकता था। कुछ दिन तक तो मैं ऐसे ही पार्क में टहलते हुए उसे देखता रहा
और फिर कुछ ही दिनों में हमारी नजरें एक दूसरे से मिलने लगी और फिर एक दिन मेने उससे अपने प्यार का इज़हार कर दिया था।
उस दिन के बाद से हम रोजाना घंटो तक एक-दूसरे से फ़ोन पर बात करते रहते थे। काफी महीनों तक हमारी ऐसे ही फ़ोन पर बातचीत चलने लगी इस दौरान हमारी कई बार सेक्स संबंधी बातें भी हो जाया करती थी।
काफी समय से एक-दूसरे से बातचीत करने के बाद भी हमने सेक्स नही किया था और इसलिए हम फोनों ही सेक्स के लिए तड़पे जा रही थी।
आप यकीन नही करोगे कि मुझसे ज्यादा तो वो लड़की सेक्स के लिए तड़पे ही जा रही थी। मैं आप सभी पाठकों को उस लड़की का नाम बतान तो भूल ही गया था, इस कहानी मैं हम जिस लड़की की बातें कर रहे है उसका नाम मधु है जो कि एक पैसे वाले घर की लड़की है।
वैसे अमीर लड़की की मुझे एक ही बात अच्छी लगती है कि अगर एक बार आप किसी अमीर लड़की को पसंद आ गए ओर उसके अनुसार चलने लगे तो वह आपकी हर इच्छा को पूरा कर देती है।
मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही था, मेने मधु को अपने जाल में फंसाकर उससे लाखो रुपये हड़प चुका था। लेकिन अब मुझे मधु की कोई जरूरत नही थी और शायद उसे भी मेरी जरूरत नही थी, क्योंकि अमीर लड़कियों के लिए तो अपना प्यार बदलना एक आम बात होती है।
आखिरकार, हम दोनों के साथ रहने की सारी जरूरते पूरी हो चली थी, लेकिन हम दोनों का ही आपस मे चुदाई करने का बहुत ही ज्यादा मन था। चुदाई के मामले में मधु मुझसे भी कई ज्यादा आगे थी।
एक दिन मधु ओर मेने रात के समय एक होटल बुक करवाया ओर फिर वही पर रात भर चुदाई करने का मन बना लिया था। हम दोनों उस दिन बहुत ही खुश थे और माहौल बनाने के लिए हम जमकर शराब पी रहे थे। मधु उस दिन मेरे सामने एक ब्लैक कलर की हॉट ड्रेस पहन कर आई थी।
मधु अपनी तड़किली ड्रेस पहन कर मेरे सामने जमकर अंग प्रदर्शन कर रही थी। मधु को देखकर मेरे लिंग में तेज उत्तेजना हो रही रही थी।
कुछ देर बाद हम दोनों ऐसे ही बिस्तर पर जाकर लेट गए थे। बिस्तर पर लेटे हुए मधु बार-बार उसकी टांगों को मेरी टांगों से रगड़ कर मेरा मूड बना रही थी।
कुछ मिनट बाद तो उसने मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे लिंग पर हाथ फेरना शुरू कर दिया था। उसके इस तरह से स्पर्श करने से मेरा लिंग एक उत्तेजना से तन कर खड़ा हो गया था।
अब मुझसे ओर इंतजार नही हो पा रहा था। मेने सीधा अपने होंठो को ले जाकर मधु के होंठो पर रख दिया था। इस दौरान मधु की आंखे पूरी तरह से बंद हो गयी थी ओर उसने अपने शरीर से मुझे पूरी तरह से जकड़ लिया था।
इस दौरान में मधु को कभी सिर पर कभी कान के नीचे तो कभी गले पर चूमे जा रहा था। मधु तेज सिसकारियों के साथ मेरे शरीर को ओर भी तेजी से जकड़े ही जा रही थी।
कुछ ही देर बाद मेने मधु की ड्रेस को निकालकर उसे आधा नंगा कर दिया था। अब मधु मेरे सामने सिर्फ अपनी ब्रा ओर पेंटी में ही मौजूद थी। अब मैं बस मधु की ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूम रहा था ओर इसी दौरान मैं अपने उंगलियां मधु की पेंटी में डालकर उसकी योनि को भी सहला रहा था। इस दौरान मधु काफी ज्यादा उत्तेजित होती जा रही थी।
उत्तेजित होने बाद मधु के अंदर की ज्वाला जाग चुकी थी। वह किसी भूखी शेरनी की तरह मेरी पेंट को उतार रही थी। कुछ ही देर के अंदर उसने मेरे लंबे और सुडौल लन्ड को मेरी पेंट से बाहर निकाल दिया था। अब वह किसी चुदासी लड़की की तरह मेरे लन्ड को चूस रही थी।
मधु को लन्ड चूसना बहुत ही अच्छे से आता था। मधु मेरे लन्ड को अपने पूरे गले मे उतारते हुए चूस रही थी। उसके लन्ड चूसने पर मेरे मुंह से लागातर “आह ओह्ह मजा गया” कि आवाजें निकल रही थी। कुछ ही मिनटों में मैने मधु की ब्रा को भी निकाल कर नीचे फेंक दिया था। मधु के बूब्स बहुत ही गोलमटोल ओर टाइड थे।
मेने ऐसे ही मधु की तारीफ करते हुए कहा “वह मधु तेरे बूब्स तो बहुत ही कमाल के है। मेरा मन तो ऐसा कर रहा है कि इन्हें मैं हमेशा चूसता ही रहूँ”।
“तेरा लन्ड भी तो बहुत मोटा ओर लम्बा है। मुझे तेरा लन्ड चूसने में बहुत ही मजा आता है” – मधु ने जवाब देत हुए कहा
बस इतना ही कहने पर मैने मधु के गोल-मटोल बूब्स को दबाते हुए उसे मसलना शुरू कर दिया था। मैं उसके निप्पल को आम की तरह चूसे जा रहा था। उसके बूब्स ओर निप्पल दोनों ही काफी बड़े थे, इसलिए मुझे उसे चूसने में काफी मजा आ रहा था।
कुछ ही देर बाद मधु ने मेरे हाथों में एक कंडोम को पैकेट दिया और फिर मुझे कंडोम लगाने के लिए कह दिया था। इस दौरान मधु अपनी चुत में उंगलियां घुमाते हुए मेरी तरफ देखती हुई कह रही थी
कि “चल ये तो देख लिया की तेरे लन्ड में कितना दम अब ये भी देख ही लेते है कि तेरे अंदर कितना दम है”। ऐसा कहकर मधु ने मेरे अंदर बैठे हुए उस जानवर को जगा दिया था, जो कि सालों से कामवासना का भूखा था।
“रुक साली आज मैं तुझे बताता हूँ कि मेरे अंदर कितना दम है”। यह कहते हुए पहले तो मैने अपने लन्ड पर कंडोम चढ़ाया ओर फिर अपने मोटे लन्ड को मधु की चुत पर ले जाकर रख दिया था। फिर मेने एक ही झटके में केवल टोपे तक ही अपने लन्ड को मधु की चुत में उतार दिया था।
इस अचानक की कार्रवाई से मधु की तेज चीख निकल गयी थी और वह मेरे लन्ड को फिर से बाहर निकालने की पार्थना कर रही थी। लेकिन मेने उसकी एक भी नही सुनी और सिर्फ टोपे तक ही अपने लन्ड को मधु की चुत के अंदर-बाहर करते हुए उसे चोदे जा रहा था।
कुछ देर बाद अचानक से मेरा लन्ड फिसल कर मधु की चुत से बाहर आ गया था। इसके बाद मेने झटका देते हुए अगले प्रयास में अपना पूरा लन्ड ही मधु की चुत में उतार दिया था।
अब मेरा लन्ड मधु की चुत को चीरता हुआ अंदर तक जा पहुंचा था। मधु की टाइड चुत ने मेरे लन्ड को पूरी तरह से जकड़ लिया था।
अब मैं जोर-जोर से झटके देते हुए मधु को चोड़ रहा था और मधु दर्द से चींखते हुए “आह आह अम्म ओह्ह धीरे से चोदो” कहते हुए दर्द से चुद रही थी। कुछ देर बाद मधु का दर्द भी मजे में बदल गया था और वह जोर-जोर से हंसते हुए किसी रंडी की तरह मुझसे चुद रही थी।
मैं अपनी पूरी ताकत से मधु की चुत में झटके देते हुए उससे कह रहा था कि “तुझे देखना था ना मधु मुझमे कितनी ताकत है? अब देख”।
‘हां तुझमे बहुत ताकत है मुझे ओर तेजी से चोदो आज तुम मेरी चुत का भोसड़ा बना दो”। मधु ने जवाब देते हुए कहा
मधु बहुत गहरी उत्तेजना में डूब गयी थी, इसलिए उसे समझ ही नही आ रहा था कि वह आखिर क्या कह रही है। लेकिन में बिना किसी बात की चिंता किये उसे अलग-अलग पोजिशन में लेकर चोदता ही जा रहा था। मेने रात भर 1-2 घंटे के ब्रेक में उससे कर बार चुदाई की थी
और मैने 2 बार उसकी चुत से उसका कामरस भी बाहर निकाल दिया था। मेने आज तक ऐसी चुदाई नही की थी, इसलिए वो रात को मैं आज भी नही भुला पाता हूँ।
उस दिन के बाद से मैने उस लड़की को भुला दिया था और फिर से अपने चोरी-चकारी वाले काम मे लग गया था।
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